तुम .......!
कभी भी बहुत प्रिय नहीं रहे
मगर ईमानदार रहे हमेशा
साथ रहे
कभी नाराज़ नहीं हुए
कभी धोखा नहीं दिया
कभी बिना वजह ज्ञान नहीं दिया
अगर पल दो पल कभी इधर उधर गए भी तो सांझ होने से पहले लौट आये
तुम जैसा निस्वार्थ साथी कोई और नहीं मिला
ऐ मेरे प्यारे दर्द
मित्रता को याद करने वाले आज के इस दिन
तुझे एक सलाम तो बनता है
तुम साथ हो तो लगता है कि
हाँ मेरा अस्तित्व है अभी
आओ अब से
इस सम्बन्ध को और प्रगाढ़ करते हैं
शुभकामनायें मित्र !
- आनंद
कभी भी बहुत प्रिय नहीं रहे
मगर ईमानदार रहे हमेशा
साथ रहे
कभी नाराज़ नहीं हुए
कभी धोखा नहीं दिया
कभी बिना वजह ज्ञान नहीं दिया
अगर पल दो पल कभी इधर उधर गए भी तो सांझ होने से पहले लौट आये
तुम जैसा निस्वार्थ साथी कोई और नहीं मिला
ऐ मेरे प्यारे दर्द
मित्रता को याद करने वाले आज के इस दिन
तुझे एक सलाम तो बनता है
तुम साथ हो तो लगता है कि
हाँ मेरा अस्तित्व है अभी
आओ अब से
इस सम्बन्ध को और प्रगाढ़ करते हैं
शुभकामनायें मित्र !
- आनंद