सुनते थे इश्क से बड़ा मज़हब नहीं होता
जाना कि इश्क से बड़ा करतब नहीं होता
मैं चाहता था प्यार में थोड़ा वफ़ा का रंग
मालुम हुआ कि आजकल ये सब नहीं होता
वो द्रोपदी की चीर के किस्से का क्या करूँ
बुधिया की आबरू के लिये रब नहीं होता
टोका ग़ज़ल ने एक दिन, जो कह रहे मियां
उससे किसी गरीब का मतलब नहीं होता
जन्नत की राह होंगी यकीनन तेरी जुल्फें
'आनंद' से जन्नत का सफ़र अब नहीं होता