ये ज़ख्म जरा और उभर आये तो अच्छा
वो शख्स इधर होके गुजर जाए तो अच्छा
उसकी निगाहे-नाज़ बने क़त्ल का सामाँ
खंज़र की तरह दिल में उतर जाए तो अच्छा
जिसने भी कहा हो कभी, 'है इश्क़ ही ख़ुदा'
अब अपने बयानों में असर लाये तो अच्छा
वैसे तो वो मिसाल है अपने में आप ही
आदत भी अगर थोड़ी सुधर जाए तो अच्छा
सड़कों पे देर रात, भटकती है एक शै
उसके ज़ेहन में घर भी कभी आये तो अच्छा
'आनंद' यही इल्तिज़ा करता है रात दिन
तेरा लबों पे नाम हो मर जाए तो अच्छा
- आनंद
वो शख्स इधर होके गुजर जाए तो अच्छा
उसकी निगाहे-नाज़ बने क़त्ल का सामाँ
खंज़र की तरह दिल में उतर जाए तो अच्छा
जिसने भी कहा हो कभी, 'है इश्क़ ही ख़ुदा'
अब अपने बयानों में असर लाये तो अच्छा
वैसे तो वो मिसाल है अपने में आप ही
आदत भी अगर थोड़ी सुधर जाए तो अच्छा
सड़कों पे देर रात, भटकती है एक शै
उसके ज़ेहन में घर भी कभी आये तो अच्छा
'आनंद' यही इल्तिज़ा करता है रात दिन
तेरा लबों पे नाम हो मर जाए तो अच्छा
- आनंद