तेरे नजदीक से होकर..... जो गुजर जाऊँगा ,
कह नहीं सकता जियूँगा, कि मैं मर जाऊंगा !
उनका आगाज़ ही लगता है क़यामत मुझको,
उनको डर था कि मैं, अंजाम से डर जाऊँगा !
मुझको मयख्वार बनाती हुई, नज़रों वाले ..,
मैक़दे बंद ना करना , मैं किधर जाऊँगा !
तेरे दर से मुझे , .मंजिल का गुमाँ होता है ,
मैं जरा देर भी ठहरा,... तो ठहर जाऊँगा !
इक हसीं ख्वाब के जैसा, वजूद है मेरा ,
दो घडी पलकों पे रह लूँगा उतर जाऊँगा !
मुझपे 'आनंद' की सोहबत का असर है यारों,
वादा कर लूँगा मगर, साफ़ मुकर जाऊँगा !!
---आनंद द्विवेदी १८-०४-२०११
इक हसीं ख्वाब के जैसा, वजूद है मेरा ,
दो घडी पलकों पे रह लूँगा उतर जाऊँगा !
मुझपे 'आनंद' की सोहबत का असर है यारों,
वादा कर लूँगा मगर, साफ़ मुकर जाऊँगा !!
---आनंद द्विवेदी १८-०४-२०११