पहली बार अपनी अवधी में कुछ लिखा है बहुत अच्छा लग रहा है
कब तक ना बोली भला, करी न सीधी बात
लौकी कुम्हड़ा तक घुसे अम्बानी के तात
सिलबट्टा म्यूजिम चला सुनि मिक्सी का शोर
बहुरेऊ के हाथ मा, रहा न तिनुकौ जोर
बिरवा बालौ ना बचे नहीं बचे खलिहान
ना जानै को लै लिहिस, गौरैया कै जान
पानिऊ सरकारी भवा, होइ जाओ हुशियार
कुआँ बाउरी अब नहीं, बोतल है तैयार
लंन्घन कईके सोइगा, फिरि से बुधुआ आजु
सरकारी गोदाम मा, 'टरकन' सरै अनाजु
मँहगाई का देखिकै, लागि करेजे आगि
जियत बनै न मरि सकी, कइसी जाई भागि
- आनंद
२७-०८-२०१२
कब तक ना बोली भला, करी न सीधी बात
लौकी कुम्हड़ा तक घुसे अम्बानी के तात
सिलबट्टा म्यूजिम चला सुनि मिक्सी का शोर
बहुरेऊ के हाथ मा, रहा न तिनुकौ जोर
बिरवा बालौ ना बचे नहीं बचे खलिहान
ना जानै को लै लिहिस, गौरैया कै जान
पानिऊ सरकारी भवा, होइ जाओ हुशियार
कुआँ बाउरी अब नहीं, बोतल है तैयार
लंन्घन कईके सोइगा, फिरि से बुधुआ आजु
सरकारी गोदाम मा, 'टरकन' सरै अनाजु
मँहगाई का देखिकै, लागि करेजे आगि
जियत बनै न मरि सकी, कइसी जाई भागि
- आनंद
२७-०८-२०१२