अपना कम्पूटर जो है न
कभी इसके बारे में भी सोंचा है आपने ?
यह महज़ विज्ञान नही
महज़ इन्जिनिअरिंग का कमाल भी नही है
इसे केवल मशीन कहकर इसका अपमान न करो
ये तो जीवंत मित्र है जी
मित्रता की कसौटी पर सौ पैसे खरा
आशा -निराशा का साथी
सुख - दुःख का साथी !
किसी ज़माने के आज्ञाकारी पुत्र से ज्यादा आज्ञाकारी
आज के स्मार्ट बेटे से ज्यादा स्मार्ट ,
किसी ज़माने की आदर्श पत्नी से जयादा कहना मानने वाला
और आज की स्मार्ट डार्लिंग से ज्यादा विश्वसनीय ,
इसका 'वायरस'
'हमारे वायरस' से जल्दी और सस्ते में दूर हो जाता है ,
अब साथी है तो कुछ न कुछ खर्च तो आएगा ही
पर मैंने कुल जमा जोड़ घटाव करके देख लिया है
मेरे इस मित्र का "ए म सी " का साल भर का खर्च
हमारे मेडिकल इंश्योरेंस की किस्त का आधा....और
श्रीमती जी को किसी खास मौके पर दिए जाने वाले
'सबसे सस्ते' गिफ्ट के खर्च के लगभग बराबर ही बैठता है,
तनहाइयों का साथी और
महफ़िलों का सूत्रधार ,
स्मृतियाँ सहेजता है
मित्र बनाता है
रिश्ते बनाता है
रिश्ते निभाता है
किसी भी बात का बुरा नही मानता ,
हमसे कुछ भी तो नही चाहता बदले में,
क्या ऐसा कोई और है हमारे जीवन में
कम से कम मेरी जानकारी में तो नही !!
--आनन्द द्विवेदी १४-०१-२०११
कभी इसके बारे में भी सोंचा है आपने ?
यह महज़ विज्ञान नही
महज़ इन्जिनिअरिंग का कमाल भी नही है
इसे केवल मशीन कहकर इसका अपमान न करो
ये तो जीवंत मित्र है जी
मित्रता की कसौटी पर सौ पैसे खरा
आशा -निराशा का साथी
सुख - दुःख का साथी !
किसी ज़माने के आज्ञाकारी पुत्र से ज्यादा आज्ञाकारी
आज के स्मार्ट बेटे से ज्यादा स्मार्ट ,
किसी ज़माने की आदर्श पत्नी से जयादा कहना मानने वाला
और आज की स्मार्ट डार्लिंग से ज्यादा विश्वसनीय ,
इसका 'वायरस'
'हमारे वायरस' से जल्दी और सस्ते में दूर हो जाता है ,
अब साथी है तो कुछ न कुछ खर्च तो आएगा ही
पर मैंने कुल जमा जोड़ घटाव करके देख लिया है
मेरे इस मित्र का "ए म सी " का साल भर का खर्च
हमारे मेडिकल इंश्योरेंस की किस्त का आधा....और
श्रीमती जी को किसी खास मौके पर दिए जाने वाले
'सबसे सस्ते' गिफ्ट के खर्च के लगभग बराबर ही बैठता है,
तनहाइयों का साथी और
महफ़िलों का सूत्रधार ,
स्मृतियाँ सहेजता है
मित्र बनाता है
रिश्ते बनाता है
रिश्ते निभाता है
किसी भी बात का बुरा नही मानता ,
हमसे कुछ भी तो नही चाहता बदले में,
क्या ऐसा कोई और है हमारे जीवन में
कम से कम मेरी जानकारी में तो नही !!
--आनन्द द्विवेदी १४-०१-२०११