हंगामा तो होना था, इन प्यार की बातों से !
मैं वो ग़मजदा नहीं हूँ हैरत न करो यारों,
मैं जरा बदल गया हूँ , इकरार की बातों से !
वो उदास सर्द लम्हे, तनहाई ग़म की किस्से,
मेरा लेना देना क्या है, बेकार की बातों से !
वो कशिश वो शोखियाँ वो, अंदाजे हुश्न उनका
फुरसत कहाँ है मुझको , सरकार की बातों से !
मेरी धडकनों पे काबिज ..मेरी रूह के सिकंदर,
मेरा दम निकल न जाए, इनकार की बातों से !
तेरा रह गुजर नहीं हूँ, ...ये खूब जानता हूँ
तेरे साथ चल पड़ा हूँ , ..ऐतबार की बातों से !
'आनंद' मयकदे तक पहुंचा तो कैसे पंहुचा ?
ये राज खुल न जाए, तकरार की बातों से !
वो कशिश वो शोखियाँ वो, अंदाजे हुश्न उनका
फुरसत कहाँ है मुझको , सरकार की बातों से !
मेरी धडकनों पे काबिज ..मेरी रूह के सिकंदर,
मेरा दम निकल न जाए, इनकार की बातों से !
तेरा रह गुजर नहीं हूँ, ...ये खूब जानता हूँ
तेरे साथ चल पड़ा हूँ , ..ऐतबार की बातों से !
'आनंद' मयकदे तक पहुंचा तो कैसे पंहुचा ?
ये राज खुल न जाए, तकरार की बातों से !
--आनंद द्विवेदी १६-०४-२०११