सोमवार, 11 मार्च 2013

उम्र भर इम्तिहान मत लेना

उम्र भर इम्तिहान मत लेना
बेवजह कोई जान मत लेना

जिसको दो पल न दे सको अपने 
उसका सारा जहान मत लेना

काट दो पंख कोई बात नहीं
हाँ मगर आसमान मत लेना

होश में आ गया है वो फिर से  
उसका कोई बयान मत लेना 

जिसकी आँखों में बेहयाई हो 
उससे कोई ज़ुबान मत लेना 

सारे 'आनंद' से मिलेंगे यहाँ
इस शहर में मकान मत लेना 

-आनंद 





झूठी दुनिया

अपना कह दूँ
तो तुझको अच्छा नहीं लगता
गैर कह के बुलाऊं
तो कलेज़ा मुँह को आता है
हरजाई कह दूँ
तो खुद को अच्छा नहीं लगता
बावफ़ा और बेवफ़ा
ऐसी बातों पर खुद ही यकीन नहीं
अब ले दे कर
ज़ालिम और निर्मोही बचता है
कैसे पुकारूँ तुझे

कैसे सुनेगा तू
दुश्मन !

झूठ बोलती है सारी दुनिया
कि दिल की आवाज़
दिल तक पहुँचती है !

- आनंद