१- मेरा प्यार ...
मैं ..
किसी दूसरे का था
वो..
किसी दूसरे के थे
मगर वो दूसरा भी
किसी दूसरे का था...
जो
उनका था वो कोई
दूसरा ही था ...!
दूसरा ही था ...!
फिर भी वो हमारे थे
हम उनके थे
ऐसा था मेरा प्यार
जैसे .....
आम सहमति पर आधारित
किसी राजनैतिक पार्टी का घोषणा पत्र !!
२- कभी सोंचा है ..?
गरीब का खून
जैसे नीम्बू का रस ..
आखिरी बूँद तक निचोड़ो
और फेंक दो ..
कूड़े के ढेर में ...सूखने के लिए
अब तक तो
पतन हो जाता इस देश का
किन्तु यह टिका है
गरीब के कन्धों पर ....
यह भी कभी सोंचा है ??
--आनंद द्विवेदी २९/०३/२०११