सोमवार, 7 नवंबर 2011

तेरे बाद ......



एक और पल

तुम कहते थे ना
जी लो
इन पलों को
ये चले गए तो
लौटकर नहीं आयेंगे....
अहं में डूबा हुआ
मैं
नहीं समझा पाया
तब
तुम्हारी बात |
सुनो !
क्या तुम्हारे पास
एक और पल है ?
वैसा ही !

कुछ भी नही है

कल तक
मेरे पास
समय नही था
किसी काम के लिए
आज
मेरे पास
कोई काम नही है
करने को |
बस एक
तू ही तो नही है
मगर
ऐसा क्यों लगता है कि
कुछ भी नही है
दुनिया में
मेरे लिए
अब !!

आनंद द्विवेदी ०७/११/२०११