हाइकु
एक संक्षिप परिचय :- हाइकु मूलतः जापान की काव्य विधा है जिसमे आज कई देशों में कवितायें लिखी जा रही हैं | इसमें सत्रह अक्षरों में कविता लिखनी होती है | पाँच अक्षर ऊपर की पंक्ति में .फिर सात अक्षर मध्य की पंक्ति में फिर पाँच अक्षर नीचे की पंक्ति में | पाई, मात्रा और आधे शब्दों की गणना नहीं होती है !
उदाहरण के लिए एक हाइकु देखिये
कृपानिधान [५]
भ्रष्टाचारियों पे भी [७]
सर संधान [५]
तो इस कला की मेरी सबसे पहिली कुछ हाइकु माधव को समर्पित !
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एक संक्षिप परिचय :- हाइकु मूलतः जापान की काव्य विधा है जिसमे आज कई देशों में कवितायें लिखी जा रही हैं | इसमें सत्रह अक्षरों में कविता लिखनी होती है | पाँच अक्षर ऊपर की पंक्ति में .फिर सात अक्षर मध्य की पंक्ति में फिर पाँच अक्षर नीचे की पंक्ति में | पाई, मात्रा और आधे शब्दों की गणना नहीं होती है !
उदाहरण के लिए एक हाइकु देखिये
कृपानिधान [५]
भ्रष्टाचारियों पे भी [७]
सर संधान [५]
तो इस कला की मेरी सबसे पहिली कुछ हाइकु माधव को समर्पित !
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कान्हा रे कान्हा
जब मैं बुलाऊं तो
तुम आ जाना
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द्वारिकाधीश
आपके चरणों में
है झुका शीश
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हे रणछोर
खींच ले दुनिया से
अपनी ओर
अपनी ओर
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मन मृदंग
यों बाजे, बजती है
यों बाजे, बजती है
जल तरंग
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राधा री राधा
श्याम तो तुम्हारा है
अब क्या बाधा
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श्याम तो तुम्हारा है
अब क्या बाधा
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माधव मेरे
माया में न भरमा
हम हैं तेरे
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माया में न भरमा
हम हैं तेरे
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जीवन की डोर
तेरे ही हाँथों में है
अब ना छोड़
तेरे ही हाँथों में है
अब ना छोड़
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कृपानिधान
भ्रष्टाचारियों पे भी
सर संधान
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कृपानिधान
भ्रष्टाचारियों पे भी
सर संधान
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तुझसे आस
अंदर भी कंस हैं
कर दे नाश
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- आनंद
२७-०८-२०१२