गुरुवार, 30 दिसंबर 2010

हमसे पूछिए !


उनकी हसीन जुल्फ के साये में जान दी
सरकार खुदकसी का मजा हमसे पूछिए

न अपनी कुछ खबर है न उनका कुछ पता है
सरकार दिल्लगी का मजा हमसे पूछिए

उनकी नशीली आँख से इक जाम क्या पिया
सरकार बेखुदी का मजा हमसे पूछिए

वो हैं, उन्ही कि याद है, दुनिया उन्ही कि है
सरकार  आशिकी का मज़ा हमसे पूछिए

उनको सुनाया हाले दिल तो 'वो' भी हंस पड़े
सरकार 'उस' हंसी का मज़ा हमसे पूछिए

'आनंद' की बाते हैं, या गम का फ़साना है
सरकार गमज़दी का मज़ा हमसे पूछिए

   
 ---आनंद द्विवेदी  १९/०२/२००९

3 टिप्‍पणियां:

  1. दिल्लगी ,ख़ुदकुशी ,बेखुदी ..शब्दों का इस्तेमाल आपने बखूबी किया
    बधाई /
    नया साल मुबारक

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  2. उनको सुनाया हाले दिल तो 'वो' भी हंस पड़े,
    सरकार 'उस' हंसी का मज़ा हमसे पूछिए !
    kya tarj-e-bayani hai..ek ek sher dil-o-dimag me utar jata hai..

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  3. उनकी हसीन जुल्फ के साये में जान दी,
    सरकार खुदकसी का मजा हमसे पूछिए!........achha laga aapka blog padh ke....aur khaskar ke ye lines,

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