गुरुवार, 6 सितंबर 2012

आओ आनंद वहीं चल के बसें ...

उसको जिससे भी प्यार होता है
हाय   क्या  बेशुमार   होता  है

मेरा दिलबर मुझे बता के गया
इश्क  भी  बार  बार  होता  है

कौन जन्नत  की  आरजू पाले
जब  खुदा  अपना यार होता है

जिसको नेकी बदी का होश रहे
ख़ाक  वो   इश्कसार  होता  है

जिसकी अश्कों से रात न भीगी
वो   बुतों  में    शुमार  होता है

मैंने  खुद को जला के जाना है
सिर्फ़  हासिल   गुबार  होता है

आओ 'आनंद'  वहीं चल के बसें
जिस जगह अपना यार होता है

- आनंद