बुधवार, 27 सितंबर 2017

प्रेम के रंग

सबसे खूबसूरत होता है ये संसार
जब डूबा होता है प्रेम के रंगों में
उदात्त और उत्कृष्ट होता जाता है ,
हर रंग कुछ और निखरता जाता है
जब घुलता है नेह के साथ समर्पण भी.

अधिकार सबसे बड़ा शत्रु है
जो न जाने कब
संवेदनाओं में छुपकर सेंध लगा लेता
दिल की दुनिया में.

अधिकार से उपजी अपेक्षाएँ
अपेक्षाओं से जन्मी नादानियों में
माफ नहीं किये जाते प्रेमी
न ही खुद के और न ही प्रेम के द्वारा

सायास चुप्पियां,
बेवजह की व्यस्तता,
नपा-तुला जवाब..कितना कुछ होता है ऐसा
जो बता देता है कि सफल हुआ शत्रु का वार
प्रेम पर विजयी हुआ अधिकार

नियत है फिर छटपटाहट
ये सजा भी है और सीख भी
कि प्रेम में उतार वाली सीढ़ियों पर
बढ़ाया गया कदम होती है अपेक्षाएँ

सुनो भोलेराम !
प्रेम में लापरवाही से मत चलाना
रंग भरी एक भी कूची
समर्पण को ही रखना सर्वोच्च
भावों के पुष्प चुनने में रखना खास ख़्याल
कि उनके रंग और महक़ से प्रीतम को होती रहे
साफ, ताजी और खुली हवा का अहसास !

© आनंद