गुरुवार, 21 फ़रवरी 2013

केवल प्रेम से मिलते हो..


माधव !
सुना है तुम
केवल प्रेम से मिलते हो..
चाहत से नही..ना ?
तो,
मेरा एक काम करदो
जब तक
मुझे प्रेम ना हो जाए
तब तक
न तो मेरी प्रेम की प्यास मिटे
न ये चाहत...

देख लो!

मुझे
कई जन्म लग सकते हैं ...

- आनंद