गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

सोच समझकर करना



किसी को प्यार करो सोंच समझकर करना
दिल-ए-बेजार करो, सोच समझकर करना 

इश्क सुनता है भला कब नसीहतें किसकी
हज़ार बार करो,   सोच समझ कर करना  

एक लम्हा है जो गुजरा तो फिर न आएगा 
जो इंतजार करो,   सोच समझ कर करना   

प्यार की हद से गुजरने की बात करते हो 
हदें  जो पार करो, सोच समझ कर करना  

जानलेवा तेरी नज़रों को,   लोग कहते हैं 
जो कोई  वार करो,  सोच समझ कर करना  

मैंने 'आनंद' के देखे हैं,   अनगिनत चेहरे 
जो ऐतबार करो , सोच समझ कर करना  

        --आनंद द्विवेदी २८-०४-२०११