गुरुवार, 7 नवंबर 2013

तू है ख़ुदा, तो कर ये...


तू है ख़ुदा, तो कर ये एहतराम के लिए
थोड़ा सा दर्द भेज, आज  शाम के लिए

जो रिंद कभी होश में आया न उम्र भर
उसको न रोक यार, एक ज़ाम के लिए

इतनी न दिखा मुझपे सितमगर इनायतें
तू ही  बहुत है, हसरते-नाकाम के लिए

मुंसिफ़ है तू, गवाह भी है, मुद्दयी भी है
हाज़िर है गुनहगार भी इल्ज़ाम के लिए

आनंद ! कभी जिंदगी  से पूछ भी तो ले
है नाम के लिए या किसी काम के लिए

- आनंद