गुरुवार, 7 जुलाई 2011

उसने सब लाजवाब भेजा है |





उसने ख़त का जबाब भेजा है ,
हाय क्या इंकलाब भेजा है |

प्यार में डूबी ग़ज़ल भेजी है 
एक प्यारा गुलाब भेजा है !

नींद आँखों से लूटकर उसने 
कितना मदहोश ख्वाब भेजा है |

दिन को, खुशबू चमन की भेजी है 
रात को, माहताब भेजा है  |

राह चलते हिना महकती है 
उसने ऐसा शबाब भेजा है |

अपने 'आनंद' के लिए यारों 
उसने सब लाज़बाब  भेजा है |

आनंद द्विवेदी ०५/०७/२०११