अपना ऐसा ही अफ़साना है भैया
पपड़ी ताजी ज़ख्म पुराना है भैया
कौन किसी की गलियों में डेरा डाले
ठहरे जब तक आबो दाना है भैया
सब के होंठों पर है बात मोहब्बत की
अन्दर झाँको तो वीराना है भैया
उसने अबतक यारों के ही क़त्ल किये
मेरा जिस शै से याराना है भैया
बरसाती नदियों के जिम्मे खेती है
सपनों की ही फ़सल उगाना है भैया
अरबों के आश्रम वाले बाबा बोले
खाली हाथ जहाँ से जाना है भैया
हमने भी तो पत्थर को भगवान किया
अब किसको फ़रियाद सुनाना है भैया
- आनंद
पपड़ी ताजी ज़ख्म पुराना है भैया
कौन किसी की गलियों में डेरा डाले
ठहरे जब तक आबो दाना है भैया
सब के होंठों पर है बात मोहब्बत की
अन्दर झाँको तो वीराना है भैया
उसने अबतक यारों के ही क़त्ल किये
मेरा जिस शै से याराना है भैया
बरसाती नदियों के जिम्मे खेती है
सपनों की ही फ़सल उगाना है भैया
अरबों के आश्रम वाले बाबा बोले
खाली हाथ जहाँ से जाना है भैया
हमने भी तो पत्थर को भगवान किया
अब किसको फ़रियाद सुनाना है भैया
- आनंद