सोमवार, 27 दिसंबर 2010

काश तुम होते.....!

आपका साथ,  उम्रभर होता,
कितना फिरदौस ये सफ़र होता !

आपका प्यार जो पाया होता ,
मुझे पहचानता  शहर होता !

तेरे सीने में अगर दिल होता,
मेरी आवाज का असर होता!

आते-जाते नजर मिला करती,
तेरे कूचे में अगर घर होता !

आपकी जुल्फ का हंसी मंज़र ,
काश ये ख्वाब बेनज़र होता !

सोंचता हूँ जो आप न होते,
आज 'आनंद' दर-ब-दर होता !!

   --आनंद द्विवेदी
२७/१२/२०१०