मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012

यूँ चाक जिगर अब न किसी को दिखाइए






यूँ चाक जिगर अब न किसी को दिखाइए
बस आँख बंद कीजिये और डूब जाइये

मिलते हैं कई जख्म तो बेहद नसीब से
उसकी इनायतें हैं,  गले से लगाइए

हर शै में नुमाया है वही, खोजिये कहाँ
बन्दों को प्यार कीजिये, मौला को पाइये

इतना भी बुरा गीत नहीं है, ये जिंदगी
कोशिश तो कीजिये जरा सा गुनगुनाइए

करनी हो इबादत तो एक काम कीजिये
तनहा बुजुर्ग देखकर उसको हँसाइये

आनंद चाहते हैं  तो 'आनंद'  की  तरह
सर पर तमाम उम्र का बोझा न लाइये !

-आनंद द्विवेदी
१४ फरवरी २०१२





32 टिप्‍पणियां:

  1. इतना भी बुरा गीत नहीं है, ये जिंदगी
    कोशिश तो कीजिये जरा सा गुनगुनाइए

    करनी हो इबादत तो एक काम कीजिये
    तनहा बुजुर्ग देखकर उसको हँसाइये
    वाह ...बहुत खूब सार्थक बात कहते हुए ...

    जवाब देंहटाएं
  2. करनी हो इबादत तो एक काम कीजिये
    तनहा बुजुर्ग देखकर उसको हँसाइये
    आह ..वाह ..आज के दिन को सार्थक करते अशरार ..एक से बढ़कर एक.

    जवाब देंहटाएं
  3. इतना भी बुरा गीत नहीं है, ये जिंदगी
    कोशिश तो कीजिये जरा सा गुनगुनाइए

    बहुत सुन्दर आनंद जी......
    शुभकामनाएँ...

    जवाब देंहटाएं
  4. इतना भी बुरा गीत नहीं है, ये जिंदगी
    कोशिश तो कीजिये जरा सा गुनगुनाइए
    वह आनंद भाई ....
    आनंदित कर रही है आपकी रचना ...
    शुभकामनायें...

    जवाब देंहटाएं
  5. प्यार की खुबसूरत अभिवयक्ति........

    जवाब देंहटाएं
  6. अँधेरे में रहने वालो ,अँधेरे का राज़ ना खोलो
    कांच के सपने टूट ना जाएँ ,आहिस्ता -आहिस्ता बोलो |

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. मेरे सपने कांच के नहीं है अंजू जी ... जब दिल कमबख्त फौलाद हो गया तो सपने क्यों रह जाएँ कांच के !

      हटाएं
  7. इतना भी बुरा गीत नहीं है, ये जिंदगी
    कोशिश तो कीजिये जरा सा गुनगुनाइए
    waah , phir janiye isse behtar koi geet nahin

    जवाब देंहटाएं
  8. मिलते हैं कई जख्म तो बेहद नसीब से
    उसकी इनायतें हैं, गले से लगाइए

    प्रेम का चरम सोपान है यह ....ऐसा तो खुद को मिटाने के बाद ही सोचा जाता है .....!

    जवाब देंहटाएं
  9. "आनंद चाहते हैं तो 'आनंद' की तरह
    सर पर तमाम उम्र का बोझा न लाइये !"

    क्या गज़ल है......

    "आनंद चाहते हैं तो 'आनंद' की तरह
    हंसिये जनाब और...जरा मुस्कराइए "
    :) :) :) :)

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीया पूनम जी ...हँसने का जिम्मा आपका ...मैं तो मुस्कराके गुजारा कर लूँगा !!

      हटाएं
  10. क्या दिखाते हो ज़माने को जखम खंजर के
    प्यार का ज़ख्म हो तो दिखाओ

    जवाब देंहटाएं
  11. कुछ दोस्त इंतज़ार में हैं देर से यहाँ
    आ जाइए आ जाइए अब आ भी जाइए




    गजलाती गज़ल का जादू ... एक पुरानी बात याद आती है ...

    'Blow gently over my garden

    Wind of the southern seas'...

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जैरथ साहब बहुत बहुत शुक्रिया ...I m feeling winds from southern sea upon my head.

      हटाएं
  12. मिलते हैं कई जख्म तो बेहद नसीब से
    उसकी इनायतें हैं, गले से लगाइए

    बहुत खूबसूरत गज़ल है आदरणीय आनंद भाई जी...
    सादर बधाई...

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. भाई जी आप का ही कमाल है सब देखो हम भी तुकबन्दियाँ करने लगे !!

      हटाएं
  13. खूबसूरत लफ़्जों के साथ अच्छी नसीहतें भी हों, तो क्या बात है!

    जवाब देंहटाएं
  14. सभी लाइनें बहुत सुन्दर है मन को छूनेवाली कविता...

    जवाब देंहटाएं
  15. करनी हो इबादत तो एक काम कीजिये
    तनहा बुजुर्ग देखकर उसको हँसाइये

    यह अपने सौ टके की बात कह दी, पिछले दिनों मेरी सासु माँ के इंतकाल के बाद पिता जी को अकेले चुपचाप बैठे देखकर यही बात मन में आती है.

    जवाब देंहटाएं