मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011

कहाँ पर खो गया हूँ मैं ?


कहाँ पर खो गया हूँ मैं ?
              जिंदगी के शीत को सहकर ,
              व्यथा का  ताप  सहकर   ,
              सत्य को पहचानकर, ढोकर,
              समय का... श्राप सहकर ,
खिलौना  हो गया हूँ मैं  !
             
              स्वयं को भी ...बेंचकर,
              भीतर हजारों ग़म छिपाकर,
              एक विधवा सी ...ख़ुशी से ,
              होंठ  रंगकर, मुंह सजाकर, 
घिनौना हो गया हूँ मैं !

               ढह गए सब शिखर, थककर 
               सो गए... सब दीप  गण , 
               ख़ुशी की चाहत समेटे  ,
               सो गए ..  प्रत्येक क्षण  ,
बिछौना   हो गया  हूँ मैं !
कहाँ पर खो गया हूँ मैं  !!

      --आनन्द द्विवेदी  ०८/०२/२०११



14 टिप्‍पणियां:

  1. स्वयं को भी ...बेंचकर,
    भीतर हजारों ग़म छिपाकर,
    एक विधवा सी ...ख़ुशी से ,
    होंठ रंगकर, मुंह सजाकर,
    घिनौना हो गया हूँ मैं !

    ढह गए सब शिखर, थककर
    सो गए... सब दीप गण ,
    ख़ुशी की चाहत समेटे ,
    सो गए .. प्रत्येक क्षण ,
    बिछौना हो गया हूँ मैं !
    kya kaahun..shabd nahi hain Anand ji..bahut peeda ,lachhari, asahaay.na jaaane kya kya hai.

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  2. बहुत बहुत शुक्रिया नीलम जी...!मैं आपकी तरह भावपूर्ण तो नही लिख पता मगर कोशिश जारी है.

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    1. सर आपकी 4 लाइन अपनी रिपोर्ट में ले रहा हूं...यूपी के हालात पर।
      शाम होते ही सहम जाती हैं ----

      यूपी में बदायूं इटावा आजमगढ़ में बलात्कार पर है मेरी रिपोर्ट

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  3. waise to agar iss pankti ke liye dil se kahun to gussa aa raha hai, aapne aisa kyun likha..स्वयं को भी ...बेंचकर,
    भीतर हजारों ग़म छिपाकर,
    एक विधवा सी ...ख़ुशी से ,
    होंठ रंगकर, मुंह सजाकर,
    घिनौना हो गया हूँ मैं !

    par jab sochta hoon, kaise aapne aisee soch layee to khushi hoti hai, mera bhaiya kitna sahityak soch rakhta hai...love you bhaiya..:)

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  4. atm nirikshan ke sath atm samiksha...
    vyakul hriday ki bhavuk abhivyakti ...
    sarahniy hai dwivedi ji !

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  5. बहुत बहुत शुक्रिया सुरेन्द्र जी ...आपके सुझावों का भी सदैव स्वागत रहेगा !!

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  6. आनंद जी आपने पीडा को जिया है

    अनुपम कृति

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  7. आनंद जी आपने पीडा को जिया है

    अनुपम कृति

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  8. सुन्दर और सार्थक नव -गीत ...बधाई |

    जवाब देंहटाएं
  9. सुन्दर और सार्थक नवगीत ...बधाई |

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  10. सर आपकी 4 लाइन अपनी खबर में लगा रहा हूं, यूपी मेंज बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही हैं...उन पर मेरी रिपोर्ट है---
    शाम होते ही सहम जाती है

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