शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2012

केवल एक ग्वाले होते...





अच्छा
एक बात बताओ माधव ...
जब तुम द्वारका गए थे न
हमेशा के लिए
'बरसाने वाली' और बरसाना
दोनों  छोड़कर
एकदम सच्ची बताना ...ये मत कहना कि
वो तो हर पल मेरे साथ थी
हम पृथक कहाँ हैं ..(वो सब मैं सुन चुका हूँ )
लाख भगवान हो तुम
मगर क्या पांव सहज उठ गए थे
कितना तड़पे होगे न तुम ?
क्या एक पल के लिए भी ये मन में आया था कि
काश हम केवल एक ग्वाले होते ?
कई बार भगवान होना भी
बड़ा महंगा पड़ जाता है न ?
पता है ... कई बार इंसान होना भी बहुत महंगा पड़ जाता है !
मगर चुनाव तुम्हारा था
सो सह गए
अगर यही बरसाने वाली ने किया होता तो ?

तुम भगवान लोग ना
ऐसा ही करते हो
"जब दिल चाहा छोड़ दिया "
पर एक बात बोलूं ?
तुम्हें पाना जितना मुश्किल है न
तुम्हें झेलना  उससे भी ज्यादा मुश्किल
और इस पाने खोने के चक्कर में
मैं तो कहीं खोता ही जा रहा हूँ
एक दिन ....
तुम्हारा होना भर
मेरे न होने की गारंटी  होगा
मुझे उस पल का
बड़ी शिद्दत से इंतज़ार है
फिर करना  सितम तुम.. जी भर के
मैं तो रहूँगा नहीं
पर
ये तुम्हारी बनाई हुई दुनिया
सारा तमाशा देखेगी..
निर्मोही !!

-आनंद द्विवेदी
१७ फरवरी २०१२



19 टिप्‍पणियां:

  1. मुझे उस पल का
    बड़ी शिद्दत से इंतज़ार है
    फिर करना सितम तुम.. जी भर के
    मैं तो रहूँगा नहीं
    .... उत्साह जगाती बेहतरीन रचना देने के लिए आभार

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  2. भगवान को ऐसे उलाहना किसी ने न दिया होगा :).वो भी सोच रहे होंगे अब क्या बोलूं :)

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    1. उनका क्या है शिखा जी ..उन्हें बोलने की जरूरत ही कहाँ पड़ती है "भृकुटि विलास जासु लय होई"
      बस नट मरकट इव सबही नचावत !!

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  3. भगवान से संवाद.....
    वो भी उलाहने भरा????

    क्या बात है!!!
    सादर.

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  4. जब भक्त खो जाता है तब भगवान प्रकट होता है...सत्य वचन ! बहुत सुंदर अभिव्यक्ति !

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    1. दीदी भक्त खो ही तो नहीं रहा है ...इतना बक बक करता है मगर खो नहीं रहा .... :(

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  5. भगवान से संवाद अच्छा लगा शायद उसने भी ना सोंचा होगा :)

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  6. अच्छी शिकायत है... अपने अंदाज की अलग रचना... वाह!
    सादर बधाई...

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  7. वाह ...ईश्वर से सवांद ..बहुत बढिया

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  8. बहुत बढिया...अच्छा संवाद है..शिव रात्रि पर हार्दिक बधाई..अभिव्यंजना मे आप का इंतजार है...

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  9. गहरे और सुन्दर शब्द...इस भावपूर्ण रचना के लिए बधाई स्वीकारें

    नीरज

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    1. नीरज जी आपका मेरे ब्लॉग पर पधारना इस ब्लॉग के लिए शुभ संकेत है !

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  10. मेरे सुहृदय मित्रों आप सभी का हार्दिक आभार !

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  11. कविता का भाव बहुत ही अच्छा लगा । मेरे पोस्ट "भगवती चरण वर्मा" पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

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