बुधवार, 27 जून 2012

फिर न इसी शब की सहर हो








अल्लाह करे आप पर मौला की नज़र हो 
अल्लाह करे आपका खुशबू का सफ़र हो 

मेरे उठे हैं हाथ दुआओं में आज फिर  
अल्लाह करे मेरी दुआओं में असर हो 

तेरी नज़र के ज़ख्म को जन्नत बना लिया  

अल्लाह करे आपकी हर शय पे  नज़र हो

इक शख्स दबे पाँव  जहाँ से चला गया

अल्लाह करे आपको ये भी न खबर हो

'आनंद' अगर और शबे-ग़म हों राह में
अल्लाह करे फिर न इसी शब की सहर हो  


- आनंद   
२२ जून २०१२  


8 टिप्‍पणियां:

  1. मेरे उठे हैं हाथ दुआओं में आज भी
    अल्लाह करे मेरी दुआओं में असर हो

    आमीन

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  2. अल्लाह करे तेरी दुआओं में असर हो......

    अमीन.....!!

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  3. अल्लाह करे आप पर मौला की नज़र हो
    अल्लाह करे आपका खुशबू का सफ़र हो

    बहुत खूबसूरत ग़ज़ल... शुभकामनायें

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  4. आप सभी मित्रों का हार्दिक आभार !

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