शनिवार, 16 अप्रैल 2011

इन प्यार की बातों से...




मेरे यार की बातों से, इजहार  की बातों से ,
हंगामा तो होना था, इन प्यार की बातों से !

मैं वो ग़मजदा नहीं हूँ  हैरत न करो यारों,
मैं जरा बदल गया हूँ , इकरार की बातों से !

वो उदास सर्द लम्हे, तनहाई ग़म की किस्से,
मेरा लेना देना क्या है,  बेकार की बातों से !

वो कशिश वो शोखियाँ वो, अंदाजे हुश्न उनका 
फुरसत कहाँ है मुझको , सरकार की बातों से  !

मेरी धडकनों पे काबिज ..मेरी रूह के सिकंदर,
मेरा दम निकल न जाए, इनकार की बातों से !

तेरा  रह गुजर नहीं हूँ,  ...ये  खूब जानता  हूँ
तेरे साथ चल पड़ा हूँ , ..ऐतबार की बातों से  !

'आनंद' मयकदे तक पहुंचा तो कैसे पंहुचा ? 
ये राज खुल न जाए,   तकरार की बातों से !

   --आनंद द्विवेदी १६-०४-२०११