यूँ चाक जिगर अब न किसी को दिखाइए
बस आँख बंद कीजिये और डूब जाइये
मिलते हैं कई जख्म तो बेहद नसीब से
उसकी इनायतें हैं, गले से लगाइए
हर शै में नुमाया है वही, खोजिये कहाँ
बन्दों को प्यार कीजिये, मौला को पाइये
इतना भी बुरा गीत नहीं है, ये जिंदगी
कोशिश तो कीजिये जरा सा गुनगुनाइए
करनी हो इबादत तो एक काम कीजिये
तनहा बुजुर्ग देखकर उसको हँसाइये
आनंद चाहते हैं तो 'आनंद' की तरह
सर पर तमाम उम्र का बोझा न लाइये !
-आनंद द्विवेदी
१४ फरवरी २०१२
इतना भी बुरा गीत नहीं है, ये जिंदगी
जवाब देंहटाएंकोशिश तो कीजिये जरा सा गुनगुनाइए
करनी हो इबादत तो एक काम कीजिये
तनहा बुजुर्ग देखकर उसको हँसाइये
वाह ...बहुत खूब सार्थक बात कहते हुए ...
सदा जी बहुत बहुत आभार !!
हटाएंकरनी हो इबादत तो एक काम कीजिये
जवाब देंहटाएंतनहा बुजुर्ग देखकर उसको हँसाइये
आह ..वाह ..आज के दिन को सार्थक करते अशरार ..एक से बढ़कर एक.
इतना भी बुरा गीत नहीं है, ये जिंदगी
जवाब देंहटाएंकोशिश तो कीजिये जरा सा गुनगुनाइए
बहुत सुन्दर आनंद जी......
शुभकामनाएँ...
विद्या जी बहुत बहुत बहुत आभार आपका !!
हटाएंइतना भी बुरा गीत नहीं है, ये जिंदगी
जवाब देंहटाएंकोशिश तो कीजिये जरा सा गुनगुनाइए
वह आनंद भाई ....
आनंदित कर रही है आपकी रचना ...
शुभकामनायें...
दीदी नमन आपको , थैंक्स !!
हटाएंप्यार की खुबसूरत अभिवयक्ति........
जवाब देंहटाएंथैंक्स सुषमा जी !!
हटाएंअँधेरे में रहने वालो ,अँधेरे का राज़ ना खोलो
जवाब देंहटाएंकांच के सपने टूट ना जाएँ ,आहिस्ता -आहिस्ता बोलो |
मेरे सपने कांच के नहीं है अंजू जी ... जब दिल कमबख्त फौलाद हो गया तो सपने क्यों रह जाएँ कांच के !
हटाएंइतना भी बुरा गीत नहीं है, ये जिंदगी
जवाब देंहटाएंकोशिश तो कीजिये जरा सा गुनगुनाइए
waah , phir janiye isse behtar koi geet nahin
दीदी प्रणाम !
हटाएंमिलते हैं कई जख्म तो बेहद नसीब से
जवाब देंहटाएंउसकी इनायतें हैं, गले से लगाइए
प्रेम का चरम सोपान है यह ....ऐसा तो खुद को मिटाने के बाद ही सोचा जाता है .....!
प्रिय केवल भाई सादर सप्रेम आभार
हटाएं"आनंद चाहते हैं तो 'आनंद' की तरह
जवाब देंहटाएंसर पर तमाम उम्र का बोझा न लाइये !"
क्या गज़ल है......
"आनंद चाहते हैं तो 'आनंद' की तरह
हंसिये जनाब और...जरा मुस्कराइए "
:) :) :) :)
आदरणीया पूनम जी ...हँसने का जिम्मा आपका ...मैं तो मुस्कराके गुजारा कर लूँगा !!
हटाएंक्या दिखाते हो ज़माने को जखम खंजर के
जवाब देंहटाएंप्यार का ज़ख्म हो तो दिखाओ
थैंक्स ... पांडे जी !
हटाएंकुछ दोस्त इंतज़ार में हैं देर से यहाँ
जवाब देंहटाएंआ जाइए आ जाइए अब आ भी जाइए
गजलाती गज़ल का जादू ... एक पुरानी बात याद आती है ...
'Blow gently over my garden
Wind of the southern seas'...
जैरथ साहब बहुत बहुत शुक्रिया ...I m feeling winds from southern sea upon my head.
हटाएंबहुत खूब ॥
जवाब देंहटाएंदीदी प्रणाम ..और आभार भी !
हटाएंमिलते हैं कई जख्म तो बेहद नसीब से
जवाब देंहटाएंउसकी इनायतें हैं, गले से लगाइए
बहुत खूबसूरत गज़ल है आदरणीय आनंद भाई जी...
सादर बधाई...
भाई जी आप का ही कमाल है सब देखो हम भी तुकबन्दियाँ करने लगे !!
हटाएंखूबसूरत लफ़्जों के साथ अच्छी नसीहतें भी हों, तो क्या बात है!
जवाब देंहटाएंदीपिका जी शुक्रिया !
हटाएंसभी लाइनें बहुत सुन्दर है मन को छूनेवाली कविता...
जवाब देंहटाएंकरनी हो इबादत तो एक काम कीजिये
जवाब देंहटाएंतनहा बुजुर्ग देखकर उसको हँसाइये
यह अपने सौ टके की बात कह दी, पिछले दिनों मेरी सासु माँ के इंतकाल के बाद पिता जी को अकेले चुपचाप बैठे देखकर यही बात मन में आती है.
दीदी आभार आपका !
हटाएंbahut sundar
जवाब देंहटाएंशुक्रिया मोनिका जी !
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