बदगुमानी है, या ऐतबार तक आ पहुंचा हूँ,
जो भी हो आपके दरबार तक आ पहुंचा हूँ
आज भी, उसको खिलौने पसंद हों शायद
मैं यही सोंचकर बाज़ार तक आ पहुंचा हूँ
जिसको देखो वो यहाँ बेखुदी में लगता है
मैं भी शायद दरे-सरकार तक आ पहुंचा हूँ
मुझको मांझी का पता था न खबर मौजों की
हौसला देखिये, मझधार तक आ पहुंचा हूँ
मैं उसे खोजने निकला था सितारों कि तरफ
खोजता खोजता संसार तक आ पहुंचा हूँ
दिल्लगी! मैं तेरे इंकार तक आ पहुंचा हूँ
-आनंद द्विवेदी १२-०१-२०१२
मुझको मांझी का पता था न खबर मौजों की
जवाब देंहटाएंहौसला देखिये, मझधार तक आ पहुंचा हूँ
बहुत खुबसूरत , बधाई
मुझको मांझी का पता था न खबर मौजों की
जवाब देंहटाएंहौसला देखिये, मझधार तक आ पहुंचा हूँ....सही जा रहे हैं ,आनंद जी.पार उतर ही जायेंगे .
आज भी, उसको, खिलौने पसंद हों शायद
जवाब देंहटाएंमैं यही सोंचकर बाज़ार तक आ पहुंचा हूँ ... sabkuch to hai is aane me
मुझको मांझी का पता था न खबर मौजों की
जवाब देंहटाएंहौसला देखिये, मझधार तक आ पहुंचा हूँ.bahut badhiyaa.
बहुत खुबसूरत , बधाई..मेरी नई पोस्ट में आप का इंतजार है...
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह एक और अच्छी रचना...
जवाब देंहटाएं"बदगुमानी है, या ऐतबार तक आ पहुंचा हूँ,
जो भी हो आपके दरबार तक आ पहुंचा हूँ"
कभी-कभी बदगुमानी में भी एतबार हो जाता है....
ईश्वर आपका एतबार बना कर रखे...
अब दरबार कोई भी हो सकता है !
"मैं उसे खोजने निकला था सितारों कि तरफ
खोजता खोजता संसार तक आ पहुंचा हूँ "
माशाल्लाह.....
सितारों को आसमान में ही रहने दें..
कुछ लोगों की खोज संसार में ही पूरी होती है...!!
हमेशा की तरह ये पोस्ट भी बेह्तरीन है
जवाब देंहटाएंकुछ लाइने दिल के बडे करीब से गुज़र गई....
शुक्रिया संजय जी !
हटाएं"मैं उसे खोजने निकला था सितारों कि तरफ
जवाब देंहटाएंखोजता खोजता संसार तक आ पहुंचा हूँ "
बहुत खूब ...
वाह बहुत सुंदर ग़ज़ल !
जवाब देंहटाएंखूबसूरत एहसासों को खुद में समेटे हुए !
बहुत आभार !
मैं उसे खोजने निकला था सितारों कि तरफ
जवाब देंहटाएंखोजता खोजता संसार तक आ पहुंचा हूँ
वाह,
बहुत सुन्दर ..
bahut hi sundar gazal...badhai
जवाब देंहटाएंमिश्री की डली ज़िंदगी हो चली
बहुत ही सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति ...समय मिले आपको तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है http://aapki-pasand.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंhttp://mhare-anubhav.blogspot.com/
बहुत ही अच्छी.... जबरदस्त अभिवयक्ति.....वाह!
जवाब देंहटाएंग़ज़ल दिल को छू गई।
जवाब देंहटाएंबेहद पसंद आई।
bahut hi bhavpurn abhivykti hai..
जवाब देंहटाएंbahut sundar
एक सपनो की दुनिया अलग से बसा ली है हमने,सबसे जुदा होकर
जवाब देंहटाएंजब खुद को देखने का मन हुआ ,तो अपना साया भी बेगाना निकला |
मैं उसे खोजने निकला था सितारों कि तरफ
जवाब देंहटाएंखोजता खोजता संसार तक आ पहुंचा हूँ
bahut hi gahra sher kaha hai! umda ghazal
मुझको मांझी का पता था न खबर मौजों की
जवाब देंहटाएंहौसला देखिये, मझधार तक आ पहुंचा हूँ ...
हर शेर दिल को छूता है ... दाद कबूल करें मेरी ....
मुझको मांझी का पता था न खबर मौजों की
जवाब देंहटाएंहौसला देखिये, मझधार तक आ पहुंचा हू
हर एक शेर हरदिलजीज़ है. गज़ल दिल को छू जाती है. शुभकामनाएँ.
बहुत सुंदर ! हर पंक्ति अपने में गहरा अर्थ छिपाए है, आभार!
जवाब देंहटाएंbahut bahut shukriya doston
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