मुझसे तो खैर होश में आया ना जायेगा
उनसे भी मेरा प्यार छुपाया ना जायेगा
चेहरा मेरा किताब है पढ़ लेना इसे तुम
मुझसे यूँ हाले दिल तो बताया न जाएगा
तुम आ गये जो याद तो जलते ही रहेंगे
मुझसे कोई चिराग बुझाया ना जाएगा
इस बार गर मिलो तो जरा एहतियात से
अब जख्म नया मुझसे भी खाया न जाएगा
सपना नहीं किसी का इक बूँद अश्क हूँ मैं
नज़रों से गिर गया तो उठाया न जाएगा
खामोश हसरतें हैं, कि तू कह दे इक दफा
गैरों को कभी बीच में लाया न जाएगा
जालिम सितम किये जा, पर ये भी ख्याल रख़
'आनंद' मिट गया तो बनाया न जाएगा
-आनंद द्विवेदी ४/०८/२०११
उम्दा सोच
जवाब देंहटाएंभावमय करते शब्दों के साथ गजब का लेखन ...आभार ।
सपना नहीं किसी का इक बूँद अश्क हूँ मैं
जवाब देंहटाएंनज़रों से गिर गया तो उठाया न जाएगा
खामोश हसरतें हैं, कि तू कह दे इक दफा
गैरों को कभी बीच में लाया न जाएगा
वाह ...बहुत खूब कहा है आपने ... ।
badhiya gazal...
जवाब देंहटाएंसपना नहीं किसी का इक बूँद अश्क हूँ मैं
जवाब देंहटाएंनज़रों से गिर गया तो उठाया न जाएगा
खामोश हसरतें हैं, कि तू कह दे इक दफा
गैरों को कभी बीच में लाया न जाएगा...बहुत सुन्दर.....
इस बार गर मिलो तो जरा एहतियात से
जवाब देंहटाएंअब जख्म नया मुझसे भी खाया न जाएगा
सपना नहीं किसी का इक बूँद अश्क हूँ मैं
नज़रों से गिर गया तो उठाया न जाएगा
बहुत बारीक-सी कहन...मन को छूने वाली...
बहुत ही खुबसूरत एहसासों और भावो को एक खुबसूरत सी ग़ज़ल में ढाल दिया आपने...
जवाब देंहटाएंइस बार गर मिलो तो जरा एहतियात से
जवाब देंहटाएंअब जख्म नया मुझसे भी खाया न जाएगा
सपना नहीं किसी का इक बूँद अश्क हूँ मैं
नज़रों से गिर गया तो उठाया न जाएगा
बहुत खूबसूरत गज़ल ...
anu
जवाब देंहटाएंदिल में थी एक हसरत ...कि जिन्दगी उनके साये में गुज़ारे
अब तो गुज़र चुकी उम्र ....खेर साथ बैठो तो अब भी दो चार पल साथ गुज़र ले
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 11 - 08 - 2011 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएंनयी पुरानी हल चल में आज- समंदर इतना खारा क्यों है -
चेहरा मेरा किताब है पढ़ लेना इसे तुम
जवाब देंहटाएंमुझसे यूँ हाले दिल तो बताया न जाएगा
तुम आ गये जो याद तो जलते ही रहेंगे
मुझसे कोई चिराग बुझाया ना जाएगा
bahut sunder likha hai ..!
badhai.
इस बार गर मिलो तो जरा एहतियात से
जवाब देंहटाएंअब जख्म नया मुझसे भी खाया न जाएगा
सपना नहीं किसी का इक बूँद अश्क हूँ मैं
नज़रों से गिर गया तो उठाया न जाएगा
वो लफ़्ज़ कहाँ से लाऊँ जो तारीफ़ कर सकें……………निशब्द कर दिया।
नज़्म के लिहाज से...गज़ब के भाव और बहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंचेहरा मेरा किताब है पढ़ लेना इसे तुम
जवाब देंहटाएंमुझसे यूँ हाले दिल तो बताया न जाएगा....अच्छी बात...हरेक प्यार करने वाले की दुविधा कि कहा नहीं जाता ...
इस बार गर मिलो तो जरा एहतियात से
अब जख्म नया मुझसे भी खाया न जाएगा......कितना भी एहतियात रखें ...कुछ के नसीब में ज़ख्म ही होते हैं
"चेहरा मेरा किताब है पढ़ लेना इसे तुम
जवाब देंहटाएंमुझसे यूँ हाले दिल तो बताया न जाएगा"
शेर पर शेर,
शेर पर शेर
और शेर पर शेर सवा शेर...
"इस बार गर मिलो तो जरा एहतियात से
अब जख्म नया मुझसे भी खाया न जाएगा"
"कहना सही है जो भी ये 'आनंद' कह गए
अब इससे अच्छा शेर कहा कैसे जाएगा ??"
"जो पढ़ सके मेरी आँखें वो तू नहीं है मेरे दोस्त
तूने तो बोली लगाई है यूँ लफ़्ज़ों की सदा !!"
(***punam***)
शुक्रिया ....
सपना नहीं किसी का इक बूँद अश्क हूँ मैं
जवाब देंहटाएंनज़रों से गिर गया तो उठाया न जाएगा
बहुत खूब...
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