रस्म-ए-उल्फत निभा के देख लिया
हमने भी दिल लगा के देख लिया
सुनते आये थे आग का दरिया
खुद जले, दिल जला के देख लिया
उनकी दुनिया में उनकी महफ़िल में
एक दिन, हमने जाके देख लिया
दर्द भी, कम हसीँ नही होते
बे-सबब मुस्करा के देख लिया
उनका हर जुल्म, प्यार होता है
चोट पर चोट खा के देख लिया
इश्क ही अब है बंदगी अपनी
उनको यजदां बना के देख लिया
उनको 'आनंद' ही नही आया
हमने खुद को मिटा के देख लिया
यजदां = खुदा
दर्द भी, कम हसीँ नही होते
जवाब देंहटाएंउनको अपना बना के देख लिया
उनका हर जुल्म, प्यार होता है
चोट पर चोट खा के देख लिया
वाह ...बहुत ही बढि़या ।
wah bahut hi achche sher ke saath likhi shaandaar gajal.badhaai aapko.
जवाब देंहटाएंवाह …………बहुत सुन्दर शेर से सजी गज़ल्।
जवाब देंहटाएंसुनते आये थे आग का दरिया
जवाब देंहटाएंखुद जले, दिल जला के देख लिया
खुद का जलना .....कितना प्रभावी बन पड़ा है ....हर शेर लाजबाब ....आपकी गजलें हमेशा आनंददायक होती हैं ....गंभीर भावों का समावेश रहता है आपके लेखन में ...!
उनका हर जुल्म, प्यार होता है
जवाब देंहटाएंचोट पर चोट खा के देख लिया....बहुत सुन्दर.....
दर्द, भी कम हसीं नहीं होते
जवाब देंहटाएंउनको अपना बनाके देख लिया '
...................वाह क्या कहना द्विवेदी जी !
बेहतरीन ग़ज़ल
कल 12/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
बहुत ही खुबसूरत ग़ज़ल....
जवाब देंहटाएंbahut khoob divedi ji
जवाब देंहटाएंबेहतरीन और उम्दा गजल ...
जवाब देंहटाएंसुनते आये थे आग का दरिया
जवाब देंहटाएंखुद जले, दिल जला के देख लिया
उनका हर जुल्म, प्यार होता है
चोट पर चोट खा के देख लिया....bahut sundar gajal dwivedi ji.....kamal kar diya aapane...........kabhi mere yahan bhi aayen...aapaka hardik swagat hai.........
bahut badhia ....please check mine too :)
जवाब देंहटाएंwah!!!!!!!!!!!!! anandji unhe anand nahee aaya
जवाब देंहटाएंpar mujhe bahut anand aaya....doob gaya man aapke
nehagaar me .bahut hi gahan lekhan . aapka abhar.
आपको एवं आपके परिवार "सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया"की तरफ से भारत के सबसे बड़े गौरक्षक भगवान श्री कृष्ण के जनमाष्टमी के पावन अवसर पर बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें लेकिन इसके साथ ही आज प्रण करें कि गौ माता की रक्षा करेएंगे और गौ माता की ह्त्या का विरोध करेएंगे!
जवाब देंहटाएंमेरा उदेसीय सिर्फ इतना है की
गौ माता की ह्त्या बंद हो और कुछ नहीं !
आपके सहयोग एवं स्नेह का सदैव आभरी हूँ
आपका सवाई सिंह राजपुरोहित
सबकी मनोकामना पूर्ण हो .. जन्माष्टमी की आपको भी बहुत बहुत शुभकामनायें
बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन.
जवाब देंहटाएंsabhi sher bahut khoob .badhai
जवाब देंहटाएंARE YOU READY FOR BLOG PAHELI -2
PUNAM JI KI PRATIKRIYA
जवाब देंहटाएं.....
जिस भाव में भी लिखी है....बहुत अच्छी है...!!
एक-एक शेर सीधे दिल को छू जाता है...
जब बात दिल की हो तो बस
महसूस ही की जा सकती है
ज्यादा शब्दों में तो व्याख्या होती है...!
हर शेर में कम शब्दों में आपने पूरी बात कह दी है...!
अजी बस शुक्रिया........!!
माफी चाहूंगी !! किसी तकनीकी परेशानी की वज़ह से मेरा आपके ब्लॉग पर और अन्य ब्लॉग पर
भी sign in नहीं हो रहा है परन्तु आपकी गज़ल पढ़ने के बाद (टिप्पणी या criticism नहीं कहूंगी) मैं प्रसंशा करने से खुद को रोक नहीं पायी आपको शुक्रिया भेजती हूँ ....ऊपर की कुछ पंक्तिया आपके
ब्लॉग पर लगाने के लिए हैं..थोड़ा कष्ट तो होगा परन्तु आप अपने ब्लॉग तक मेरी प्रसंशा पहुंचा ही देंगे ऐसा मेरा विश्वास है....धन्यवाद.....!!