मेरी राम कहानी लिख
ये बेबाक बयानी लिख
मरघट जैसी चहल-पहल
इसको मेरी जवानी लिख
मेरे आँसू झूठे लिख
मेरे खून को पानी लिख
मेरे हिस्से के ग़म को
मेरी ही नादानी लिख
मेरी हर मज़बूरी को
तू मेरी मनमानी लिख
ऊँघ रहे हैं लोग, मगर
मौसम को तूफानी लिख
मेरे थके क़दम मत लिख
शाम बड़ी मस्तानी लिख
ज़िक्र गुनाहों का मत कर
वक़्त की कारस्तानी लिख
दिल से दिल के रिश्ते लिख
बाकी सब बेमानी लिख
जब भी उसका जिक्र चले
दुनिया आनी-जानी लिख
लिखना हो 'आनंद' अगर
विधना की शैतानी लिख
- आनंद
ये बेबाक बयानी लिख
मरघट जैसी चहल-पहल
इसको मेरी जवानी लिख
मेरे आँसू झूठे लिख
मेरे खून को पानी लिख
मेरे हिस्से के ग़म को
मेरी ही नादानी लिख
मेरी हर मज़बूरी को
तू मेरी मनमानी लिख
ऊँघ रहे हैं लोग, मगर
मौसम को तूफानी लिख
मेरे थके क़दम मत लिख
शाम बड़ी मस्तानी लिख
ज़िक्र गुनाहों का मत कर
वक़्त की कारस्तानी लिख
दिल से दिल के रिश्ते लिख
बाकी सब बेमानी लिख
जब भी उसका जिक्र चले
दुनिया आनी-जानी लिख
लिखना हो 'आनंद' अगर
विधना की शैतानी लिख
- आनंद
जिक्र गुनाहों का मत कर
जवाब देंहटाएंवक़्त की कारस्तानी लिख
बहुत बढ़िया ग़ज़ल
ज़िक्र गुनाहों का मत कर
जवाब देंहटाएंवक़्त की कारस्तानी लिख
बहुत खूब
Bahut khubsurat
जवाब देंहटाएंmere hisse ke gam ko
meri hi nadaani lkh...
कुछ ना कर पाने के लिए
जवाब देंहटाएंएक गुस्ताखी मेरे नाम लिख दो ||...अनु
बहुत सुन्दर लिखा है.
जवाब देंहटाएंwah ji wah.....bahut sundar
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