इसमें क्या दिल टूटने की बात है
जख्म ही तो प्यार की सौगात है
जिक्र फिर उसका हमारे सामने
फिर हमारे इम्तेहां की रात है
दो घड़ी था साथ फिर चलता बना
चाँद की भी दोस्तों सी जात है
साथ अपने रास्ते ही जायेंगे
सिर्फ़ धोखा मंजिलों की बात है
हैं हकीकत बस यहाँ तन्हाइयाँ
वस्ल तो दो चार दिन की बात है
कौन कहता है कि राहें बंद हैं
हर कदम पर इक नयी शुरुआत है
मत चलो छाते लगाकर दोस्तों
जिंदगी 'आनंद' की बरसात है |
- आनंद
दो घड़ी था साथ फिर चलता बना
जवाब देंहटाएंचाँद की भी दोस्तों सी जात है..
वाह..
बहुत सुन्दर..
अनु
मत चलो छाते लगाकर दोस्तों
जवाब देंहटाएंजिंदगी 'आनंद' की बरसात है |
जिंदगी अगर ''आनंद'' होती तो वो खुश होती ....पर यहाँ तो जिंदगी उदास है ...
हैं हकीकत बस यहाँ तन्हाइयाँ
जवाब देंहटाएंवस्ल तो दो चार दिन की बात है
कौन कहता है कि राहें बंद हैं
हर कदम पर इक नयी शुरुआत है
बहुत सुंदर ...उम्दा गज़ल
मित्रों का हार्दिक आभार !
जवाब देंहटाएंकौन कहता है कि राहें बंद हैं
जवाब देंहटाएंहर कदम पर इक नयी शुरुआत है
Very Inspiring lines.
दो घड़ी था साथ फिर चलता बना
जवाब देंहटाएंचाँद की भी दोस्तों सी जात है
वाह क्या खूब कहा आनंद जी....
बहुत सुन्दर...
मत चलो छाते लगाकर दोस्तों
जिंदगी 'आनंद' की बरसात है |
और आखिरी की दो पंक्तियों ने तो समा ही बाँध दिया...
कौन कहता है कि राहें बंद हैं
जवाब देंहटाएंहर कदम पर इक नयी शुरुआत है
मत चलो छाते लगाकर दोस्तों
जिंदगी 'आनंद' की बरसात है |
बहुत खूब...
इसी का नाम जिंदगी है...
तुम भी चलो...हम भी चलें
चलती रहे जिंदगी....!!
थैंक्स आप सभी को !
जवाब देंहटाएं