मन के या बे-मन के हैं
हम भी फूल चमन के है
मेरे ग़म का रंज़ न कर
हम ऐसे बचपन के हैं
मेरे ग़म का रंज़ न कर
हम ऐसे बचपन के हैं
सच को देखे कौन भला
सारे दृश्य नयन के हैं
बातें त्याग तपस्या की
लेकिन ध्यान बदन के हैं
अपने प्राण-पखेरू भी
कल को नील गगन के हैं
एक हो गयी है दुनिया
तन मन से सब धन के हैं
बातें त्याग तपस्या की
लेकिन ध्यान बदन के हैं
अपने प्राण-पखेरू भी
कल को नील गगन के हैं
एक हो गयी है दुनिया
तन मन से सब धन के हैं
किससे क्या उम्मीद करूँ
सब तो अपने मन के हैं
साँसों तुम ही थम जाओ
सब झँझट धड़कन के हैं
है 'आनंद' नाम भर का
दर्द सभी जीवन के हैं
- आनंद
सब तो अपने मन के हैं
साँसों तुम ही थम जाओ
सब झँझट धड़कन के हैं
है 'आनंद' नाम भर का
दर्द सभी जीवन के हैं
- आनंद
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंश्वास श्वास में वही बसे
जवाब देंहटाएंवह स्वामी जीवन के हैं
सुख-दुःख के जो पार हुए
पंछी वही गगन के हैं
आह...!
जवाब देंहटाएंअहा...
जैसे सारी मन की बात लिख गयी आपकी लेखनी...
यही तो है सार्वभौम सच्चाईयां!