तुम्हें नहीं ढूंढता कहीं भी
तुम तो हो ही
खुद को यदा कदा ढूँढना पड़ता है कि तुम्हारे इस होने का
असीम सुख जी रहा हूँ या .....
कहीं और पड़ा हूँ जिंदगी को कोसता हुआ
तुम तो हो ही
खुद को यदा कदा ढूँढना पड़ता है कि तुम्हारे इस होने का
असीम सुख जी रहा हूँ या .....
कहीं और पड़ा हूँ जिंदगी को कोसता हुआ
कभी बेखयाली में अगर मेरा नाम
आ जाये जुबाँ पर
तो जबरन रोक लेना अपनी मुस्कराहट
झुंझलाहट आये तो आने देना
जरा ठहरकर छोड़ना थोड़ी सी लम्बी सांस
और झटक देना सर को बहुत हलके से
मैं फिर से जी उठूँगा
और अगर मारना ही हो ...
तो कुछ नहीं करना
जैसे हो वैसे ही ठीक है ।
-आनंद
जरा ठहरकर छोड़ना थोड़ी सी लम्बी सांस
और झटक देना सर को बहुत हलके से
मैं फिर से जी उठूँगा
और अगर मारना ही हो ...
तो कुछ नहीं करना
जैसे हो वैसे ही ठीक है ।
-आनंद
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