सुना है कि अहले वफ़ा हो गया
मेरा यार किस पर फ़िदा हो गया
हमारी सदाएँ न सुन पायेगा
वो मासूम, कब का खुदा हो गया
मैं मुद्दे की बातें तो करता मगर
मेरा नाम ही मुद्दआ हो गया
दिलों की जहाँ से निभी कब मियाँ
मनाया इसे, वो ख़फा हो गया
किसे चाह तर्के-तआल्लुक की थी
जुदा होने वाला जुदा हो गया
कसम है जो मुँह में जुबाँ भी मिले
मेरा हाल कैसे बयाँ हो गया ?
तमाशे दिखाने लगा दर ब दर
ये 'आनंद' शायर से क्या हो गया
- आनंद
९-११-१२
मेरा यार किस पर फ़िदा हो गया
हमारी सदाएँ न सुन पायेगा
वो मासूम, कब का खुदा हो गया
मैं मुद्दे की बातें तो करता मगर
मेरा नाम ही मुद्दआ हो गया
दिलों की जहाँ से निभी कब मियाँ
मनाया इसे, वो ख़फा हो गया
किसे चाह तर्के-तआल्लुक की थी
जुदा होने वाला जुदा हो गया
कसम है जो मुँह में जुबाँ भी मिले
मेरा हाल कैसे बयाँ हो गया ?
तमाशे दिखाने लगा दर ब दर
ये 'आनंद' शायर से क्या हो गया
- आनंद
९-११-१२
कभी कभी जुबां से ना सही
जवाब देंहटाएंआँखे भी दिल का हाल बयाँ कर देती हैं
बहुत खूब ...उम्दा गज़ल
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनायें