उसको जिससे भी प्यार होता है
हाय क्या बेशुमार होता है
मेरा दिलबर मुझे बता के गया
इश्क भी बार बार होता है
कौन जन्नत की आरजू पाले
जब खुदा अपना यार होता है
जिसको नेकी बदी का होश रहे
ख़ाक वो इश्कसार होता है
जिसकी अश्कों से रात न भीगी
वो बुतों में शुमार होता है
मैंने खुद को जला के जाना है
सिर्फ़ हासिल गुबार होता है
आओ 'आनंद' वहीं चल के बसें
जिस जगह अपना यार होता है
- आनंद
इरादा तो नेक लगता है ... :)
जवाब देंहटाएंमुझ से मत जलो - ब्लॉग बुलेटिन ब्लॉग जगत मे क्या चल रहा है उस को ब्लॉग जगत की पोस्टों के माध्यम से ही आप तक हम पहुँचते है ... आज आपकी यह पोस्ट भी इस प्रयास मे हमारा साथ दे रही है ... आपको सादर आभार !
कौन जन्नत की आरजू पाले
जवाब देंहटाएंजब खुदा अपना यार होता है
जिसको नेकी बदी का होश रहे
ख़ाक वो इश्कसार होता है
बहुत खूब .... सूफियाना अंदाज़ की गज़ल अच्छी लगी
एक और बेहतरीन रचना के लिए बधाइयाँ !
जवाब देंहटाएंवाह वाह क्या जोरदार लिखा है....वहीं चले जहां यार बसा है...
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जवाब देंहटाएंजिसकी अश्कों से रात न भीगी
वो बुतों में शुमार होता है
मैंने खुद को जला के जाना है
सिर्फ़ हासिल गुबार होता है
खूब कहा .....
बहुत सुन्दर प्रभावी रचना..
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर...
:-)
मैंने खुद को जला के जाना है
जवाब देंहटाएंसिर्फ़ हासिल गुबार होता है
.............बहुत उम्दा अभिव्यक्ति !
सुन्दर!
जवाब देंहटाएंघुघूतीबासूती
हम भी ये ही सोचते है कि मुहब्बत से किनारा कर लिया जाए .....:-)))
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता,काबिले तारीफ ।
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट - "क्या आप इंटरनेट पर मशहूर होना चाहते है?" को अवश्य पढ़े ।धन्यवाद ।
मेरा ब्लॉग पता है - harshprachar.blogspot.com
जिसकी अश्कों से रात न भीगी
जवाब देंहटाएंवो बुतों में शुमार होता है
ऐसे पत्थर दिल इंसान को क्या कहिए।
बेहतरीन ग़ज़ल।
बहुत उम्दा ग़ज़ल आनंद जी....
जवाब देंहटाएंसादर
Beautiful
जवाब देंहटाएंएक बार फिर शुक्रिया आप सभी मित्रों का !
जवाब देंहटाएंकौन जन्नत की आरजू पाले
जवाब देंहटाएंजब खुदा अपना यार होता है..!
बहुत सुन्दर...
इतना ही हो जाये तो काफी है...!!