अपने बिसरे हुए किरदार से बातें की हैं
मुद्दतों बाद किसी यार से बातें की हैं
जिंदगी, देखिये अब किस गली में मुड़ती है
रात भर उसने बड़े प्यार से बातें की हैं
उसने बोला है, कोई ख़्वाब नहीं मारेगी
मैंने खुद वक़्त की तलवार से बातें की हैं
तभी से काट रहा हूँ चिकोटियाँ खुद को
जब से कल अपने तलबगार से बातें की हैं
आज भी घर तेरी ख़ुश्बू को याद करता है
मैंने जब तब दरो दीवार से बातें की हैं
हाय वो शख़्स भी दिल की जुबान रखता है
जिसने हरदम महज़ अधिकार से बातें की हैं
आप आनंद की बातों पे यकीं करना तो
ये न कहना किसी मयख्वार से बातें की हैं
© आनंद
वाह ! सुभानअल्लाह
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