मेरी राम कहानी लिख
कुछ आँखों का पानी लिख
ख्वाब हो गया अपनापन
तनहा उम्र नसानी लिख
तेरे बिन भी जिन्दा हैं
इतनी सी बेइमानी लिख
मगर जिंदगी चुप सी है
बिना खिले कुम्हलानी लिख
उनकी संगदिली गर लिख
मेरी भी मनमानी लिख
कुछ दुनिया के किस्से लिख
कुछ मेरी नादानी लिख
मेरी अब तक की बातें
सब नाकाम कहानी लिख
सरपट दौड़ हुआ जीवन
घाट घाट का पानी लिख
भीड़ नहीं हम हो सकते
भले राह वीरानी लिख
नाम नैनसुख पर अंधे
ये 'आनंद' का मानी लिख
- आनंद
कुछ आँखों का पानी लिख
ख्वाब हो गया अपनापन
तनहा उम्र नसानी लिख
तेरे बिन भी जिन्दा हैं
इतनी सी बेइमानी लिख
मगर जिंदगी चुप सी है
बिना खिले कुम्हलानी लिख
उनकी संगदिली गर लिख
मेरी भी मनमानी लिख
कुछ दुनिया के किस्से लिख
कुछ मेरी नादानी लिख
मेरी अब तक की बातें
सब नाकाम कहानी लिख
सरपट दौड़ हुआ जीवन
घाट घाट का पानी लिख
भीड़ नहीं हम हो सकते
भले राह वीरानी लिख
नाम नैनसुख पर अंधे
ये 'आनंद' का मानी लिख
- आनंद
वाह ! लिखनेवाला तो इतना उदार है हर नाकामी को कामयाबी बना देता है..
जवाब देंहटाएंसुन्दर शब्द रचना
जवाब देंहटाएंनव बर्ष की शुभकामनाएं
http://savanxxx.blogspot.in