कौन ऐसी आँख है जो नम नहीं हैं दोस्तों
कौन है ऐसा जिसे कुछ ग़म नहीं है दोस्तों
आइये मिलकर उजालों के लिए आगे बढ़ें
इन अंधेरों में जरा भी दम नहीं है दोस्तों
डूबिये तो, एक लम्हे में सदी मिल जायेगी
चार दिन की जिंदगी भी कम नहीं है दोस्तों
मुस्कराकर पूछते हैं वो उदासी का सबब,
ये सरासर चोट है मरहम नहीं है दोस्तों
क्यों किसी के साथ में आनंद को खोजें भला
छोड़िये भी , हम अकेले कम नहीं हैं दोस्तों
- आनंद
कौन है ऐसा जिसे कुछ ग़म नहीं है दोस्तों
आइये मिलकर उजालों के लिए आगे बढ़ें
इन अंधेरों में जरा भी दम नहीं है दोस्तों
डूबिये तो, एक लम्हे में सदी मिल जायेगी
चार दिन की जिंदगी भी कम नहीं है दोस्तों
मुस्कराकर पूछते हैं वो उदासी का सबब,
ये सरासर चोट है मरहम नहीं है दोस्तों
क्यों किसी के साथ में आनंद को खोजें भला
छोड़िये भी , हम अकेले कम नहीं हैं दोस्तों
- आनंद
प्रेरक अशआर आदरणीय
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