आम लोगों की फ़िकर सरकार में मत ढूँढिए
आजकल अच्छी ख़बर अख़बार में मत ढूँढिए
दूसरों का दर्द भी, अपना समझना चाहिए ,
बात अच्छी है, मगर व्यवहार में मत ढूँढिए
आदतन मजबूर है वो, ज़ख्म ही दे पायेगा
फूल के जैसा असर तलवार में मत ढूँढिए
देखिये घर भी महकता है किसी के प्यार से
खुशबुओं को उम्र भर बाज़ार में मत ढूँढिए
प्रेम का हर रंग सर माथे लगाकर देखिये
सिर्फ़ खुशियों की नज़र ही यार में मत ढूँढिये
वो वहीं है, जिस जगह सेवा समर्पण प्यार है
दोस्तों 'आनंद' को अधिकार में मत ढूँढिये
- आनंद
आजकल अच्छी ख़बर अख़बार में मत ढूँढिए
दूसरों का दर्द भी, अपना समझना चाहिए ,
बात अच्छी है, मगर व्यवहार में मत ढूँढिए
आदतन मजबूर है वो, ज़ख्म ही दे पायेगा
फूल के जैसा असर तलवार में मत ढूँढिए
देखिये घर भी महकता है किसी के प्यार से
खुशबुओं को उम्र भर बाज़ार में मत ढूँढिए
प्रेम का हर रंग सर माथे लगाकर देखिये
सिर्फ़ खुशियों की नज़र ही यार में मत ढूँढिये
वो वहीं है, जिस जगह सेवा समर्पण प्यार है
दोस्तों 'आनंद' को अधिकार में मत ढूँढिये
- आनंद
बेहतरीन और सामयिक ग़ज़ल |
जवाब देंहटाएंअति उत्तम
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