आज उन्हें उनके नाम से बुलाऊंगा हमेशा तो कहता हूँ "मोहब्बत का ख़ुदा"
हालाँकि आज भी उन्होंने वही बात पूछी कि
अब हीर क्यों नहीं पैदा होती
बेटियां तो आज भी हैं
माँ बाप भी आज भी हैं .....
आज इमरोज़ के साथ बिलकुल अनौपचारिक माहौल में एक शाम बितायी ... हम दोनों के बीच में कोई नहीं था सिवाय अमृता के ...इमरोज़ की पेन्टिंग्स उनके पाक विचारों का नमूना हैं और इमरोज़ की नज़्में बहुत सधी हुई और लाज़बाब ... बहुत देर तक सुनाते रहे बतियाते रहे फिर घर से निकल कर टहलने चल पड़े फिर वापस आकर बातें, लगा कि जैसे वो एक एक पन्ना पलट रहे हैं और मैं एक एक सफहा पी रहा हूँ, बुलाने गया था दो तारीख के लिए उनको...तो कहने लगे अमृता ने कभी किसी किताब का लोकार्पण नहीं करवाया ..कभी किसी से कोई भूमिका नहीं लिखवाई...मुझे कहाँ ले चलोगे मैं कुछ बोल तो पाता नहीं, मैंने कहा आपका रहना ही सबकुछ है मेरे लिए .... असीम सुकून लेकर लौटा हूँ
बार बार एक ही बात दिमाग में कौंध रही है
"अपने को अपनी पसन्द का बना लो सारी दुनिया अपनी पसंद की हो जाएगी "
ग़ज़ल की बात चलने पर एक नज़्म का हिस्सा उन्होंने और सुनाया;
"तेरे जाने पर
जिंदगी ग़ज़ल हो जाती है
और तेरे आने पर
ग़ज़ल जिंदगी"
.......................
एक किताब देने लगे पहले तो पंजाबी की लाये फिर अपने आप ही .... अरे मगर आप को तो पंजाबी आती नहीं होगी ...फिर हिंदी की लाये .... मैंने कहा कुछ लिखदो इसपर तो कहने लगे हिंदी तो लिख नहीं पाता फिर कुछ सोचा और कहा इंग्लिश में लिखता हूँ ..... और लिख दिया ;
"Every thing you love is yours" कहने लगे यह वाक्य बचपन से मेरे साथ है !
मैं क्या कहता वो भी तो न जाने कब से मेरे साथ हैं !
इमरोज़ को खाना खिलाती अमृता |
bahut acchha lga padhkar jaise pawn purwaai .....
जवाब देंहटाएंbahut khoooooob.......
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया आदरणीय ...
जवाब देंहटाएंWaqayi Imroz kee gazab shakhsiyat hai!
जवाब देंहटाएंआनन्द गुन रही हूँ अब मैं शब्दों को मोहब्बत में
जवाब देंहटाएंSach khaa aapne sab paida hote hain bas heer hi nahi
जवाब देंहटाएंye khushnuma sath shyad hi bhule honge dono .
Bahut accha lga padhkar .
sach aap mile the unase! Kitani shanti, sukun mahasus hota hai.. Muze bhi ye saubhagya prapt hua tha dtd. 11/10/2010 mere janamdin par. Aur ye mera sabse haseen janamdin tha. Ishwar ne muze ye nayab tohpha diya tha. Ham Bombay me mile the. Unhone jo meri diary par sktch nikala woh meri amulya dharohar hai. Asalme Imrozji ne muze naya janam diya. Aaj agar mai hoon to un aki wajah se.. Bich bich me baat kar leti hoon unase. Aaj bhi aapk i post dekhakar baat ki unase. Mere paas unaki kitani hi hassen yaden hai. Ishwar unhe umrdaraj kare aur woh swasth rahe, khush rahe. Bahut bahut shukriya aapka. Aapne unase hui mulakat share ki. Unase milkar ham sirf unase nahi milate, Amritaji se bhi milate hai.. Thanks again.
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