सुनते थे इश्क से बड़ा मज़हब नहीं होता
जाना कि इश्क से बड़ा करतब नहीं होता
मैं चाहता था प्यार में थोड़ा वफ़ा का रंग
मालुम हुआ कि आजकल ये सब नहीं होता
वो द्रोपदी की चीर के किस्से का क्या करूँ
बुधिया की आबरू के लिये रब नहीं होता
टोका ग़ज़ल ने एक दिन, जो कह रहे मियां
उससे किसी गरीब का मतलब नहीं होता
जन्नत की राह होंगी यकीनन तेरी जुल्फें
'आनंद' से जन्नत का सफ़र अब नहीं होता
waah, bahut khoob
जवाब देंहटाएंउससे किसी गरीब का मतलब नहीं होता |
जवाब देंहटाएंबहुत ही ज्यादा सुन्दर पंक्ति |
सादर
bahut hi badhiya gajal...
जवाब देंहटाएं:-)
gajal ke bhao bahut badhiya..
जवाब देंहटाएंमेरी नई रचना ; हम बच्चे भारत के " http://kpk-vichar.blogspot.in
टोंका = टोका
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावाभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन कहन
एक ग़ज़ल में एक से अधिक बहर का प्रयोग अनुचित लगा
सादर