जिसकी चादर दाग़दार है उसको अपनी धोने दो
कब तक सर पटकोगे बाबा जो होता है होने दो
हिंसा आगजनी धरनों या लिचिंग फिचिंग पर बोले तो
आँखों में खटकोगे बाबा, जो होता है होने दो
नेता अफ़सर संघी वामी सभी देश के सेवक हैं
कहाँ कहाँ अटकोगे बाबा जो होता है होने दो
सबकी आदत पड़ जाती है सबको जीना पड़ता है
तुम कब तक मटकोगे बाबा जो होता है होने दो
इसके भाषण उसकी गाली, उसकी गुण्डागर्दी पर
तुम भी सर झटकोगे बाबा, जो होता है होने दो
दूर दूर से ट्वीट करोगे चिंता में घुल जाओगे
पास नहीं फटकोगे बाबा, जो होता है होने दो
जीवन का 'आनंद' ढूँढते सत्ता के संघर्षों में
तुम उल्टा लटकोगे बाबा जो होता है होने दो ।
© आनंद
सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा
जवाब देंहटाएंपर बाबा कौन है
राजनीति वाले तो बिल्कुल नही