दरो दीवार में अटका हुआ हूँ
अभी संसार में अटका हुआ हूँ
अभी संसार में अटका हुआ हूँ
किसी ग़ुल ने लुटा दी जिंदगानी
मैं अब तक ख़ार में अटका हुआ हूँ
मैं अब तक ख़ार में अटका हुआ हूँ
वो मेरी रूह से सटकर खड़ी है
मैं बस सिंगार में अटका हुआ हूँ
मैं बस सिंगार में अटका हुआ हूँ
किसी का हाथ अब तक हाथ में है
इसी त्योहार में अटका हुआ हूँ
इसी त्योहार में अटका हुआ हूँ
यहाँ है डूबना ही पार जाना
मगर मँझधार में अटका हुआ हूँ
मगर मँझधार में अटका हुआ हूँ
अधूरी ख्वाहिशों का पीर हूँ मैं
ग़म-ओ-आज़ार में अटका हुआ हूँ
ग़म-ओ-आज़ार में अटका हुआ हूँ
वो करके क़त्ल फिर से म्यान में है
मैं जिसकी धार में अटका हुआ हूँ
मैं जिसकी धार में अटका हुआ हूँ
मुसलसल फ़क्कड़ी है इश्क़ यारों
मैं लोकाचार में अटका हुआ हूँ
मैं लोकाचार में अटका हुआ हूँ
अभी 'आनंद' से मिलना हुआ है
उसी किरदार में अटका हुआ हूँ
उसी किरदार में अटका हुआ हूँ
© आनंद
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