बुधवार, 22 अप्रैल 2015

"जेहि कर जेहि पर सत्य सनेहू"

अब ये 'सत्य सनेहू' मापने का कौन सा पैमाना अप्लाई किया जाए
हे युवा प्रेमियों !
इस शास्त्रीय झूठ को झूठा  क्यों नहीं साबित किया अभी तक आप लोगों ने
या तो इस सत्य सनेहू  की माप तौल को
कोई गैज़ेट  कोई एप्लीकेशन  ईज़ाद करो
या फिर डंके की चोट पर कह दो कि झूठ है यह बात
जितना ही सत्य सनेहू  होगा
उतना ही मिलने में संदेहू होगा !

नोट : हर बात कविता नहीं होती  तजुर्बों का भी जीवन में अहम् किरदार है

  

1 टिप्पणी:

  1. बहुत बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें.

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