बुधवार, 26 अक्टूबर 2011

प्रेम ..!



क्या कहूँ या लिखूं ..
अब तक
जो जाना था
कोई रूचि नहीं
अब उसमे ...
जो बरस रहा है
'इस पल' में
पहले उसे जी लूं
उसे पी लूं
लिखता रहूँगा ग्रन्थ
बाद में
हाँ
अगर एक शब्द में
लिखी कविता
समझ सकते हो
तो लो
लिख देता हूँ
प्रेम !!

आनंद द्विवेदी ....२४/१०/२०११

9 टिप्‍पणियां:

  1. एक ही शब्द काफी है " अमृत "

    दीपावली की शुभकामनाएँ

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  2. हाँ
    अगर एक शब्द में
    लिखी कविता
    समझ सकते हो
    तो लो
    लिख देता हूँ
    "अमृत" !! बहुत ही गहन अभिवयक्ति देती रचना....

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  3. मुझे लगा था कि..एक शब्द लिखना होगा तो आप प्रेम लिखेंगे .

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  4. हाँ
    अगर एक शब्द में
    लिखी कविता
    समझ सकते हो
    तो लो
    लिख देता हूँ
    "अमृत" !!
    Kya baat kahee!

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  5. यह एक शब्द तो पूरा सतत जीवन है... बेहद सटीक शब्द अमृत और कविता उतनी ही उम्दा ..

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  6. "अब उसमे ...
    जो बरस रहा है
    'इस पल' में
    पहले उसे जी लूं"
    ................
    "अगर एक शब्द में
    लिखी कविता
    समझ सकते हो
    तो लो
    लिख देता हूँ"
    "अमृत" !!

    खूबसूरत.....

    ***punam***
    tumhare liye....
    bas yun... hi..
    aalekh..

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