मैं आज जगत का स्वामी हूँ
तुम बाहुपाश में, मेरे हो,
सहसा इस प्रकृति प्रियतमा ने
ज्यों सुन्दर चित्र उकेरें हों ,
मैं तुमको क्या क्या भेंट करूं
क्षण लोगी या जीवन लोगी
बोलो कुछ तो बोलो सजनी
दिल लोगी या धड़कन लोगी
जो स्वप्नों से हो प्यार तुम्हें
तो नभ ले लो, उडगन ले लो
हो स्वप्नों का विस्तार प्रिये
तुम मन ले लो, मोहन ले लो
मैं तुमको क्या क्या भेंट करूं
दृग लोगी या चितवन लोगी
बोलो कुछ तो बोलो सजनी
दिल लोगी या धड़कन लोगी
तुम शुभ्र चांदनी, चंदा की
खुशबू जैसे, चन्दन वन की
तुम दशों दिशाओं की मलिका
इच्छित हो मेरे जीवन की
मैं तुमको क्या क्या भेंट करूं
मधु लोगी, या मधुवन लोगी
बोलो कुछ तो बोलो सजनी
दिल लोगी या धड़कन लोगी ||
-आनंद द्विवेदी ३०-०६-२०११
जो स्वप्नों से हो प्यार तुम्हें
जवाब देंहटाएंतो नभ ले लो, उडगन ले लो
हो स्वप्नों का विस्तार प्रिये
वाह ...बहुत ही अच्छा लिखा है ।
मैं आज जगत का स्वामी हूँ
जवाब देंहटाएंतुम बाहुपाश में, मेरे हो,
सहसा इस प्रकृति प्रियतमा ने
ज्यों सुन्दर चित्र उकेरें हों ,
मैं तुमको क्या क्या भेंट करूं
क्षण लोगी या जीवन लोगी
बहुत सुंदर रचना बाधाई
जो स्वप्नों से हो प्यार तुम्हें
जवाब देंहटाएंतो नभ ले लो, उडगन ले लो
हो स्वप्नों का विस्तार प्रिये
तुम मन ले लो, मोहन ले लो
मैं तुमको क्या क्या भेंट करूं
दृग लोगी या चितवन लोगी
चंचल चित की सरस मधुमय अभिव्यक्ति ...
बहुत सुंदर रचना ..
हो स्वप्नों का विस्तार प्रिये
जवाब देंहटाएंतुम मन ले लो, मोहन ले लो
मैं तुमको क्या क्या भेंट करूं
दृग लोगी या चितवन लोगी
जहाँ मन से सच्चा प्यार होता है वहां फिर कोई औपचारिकता नहीं होती ...आपने बहुत सुन्दरता से मन के भावों को अभिव्यक्त किया है .....आपका आभार
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 07-07- 2011 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएंनयी पुरानी हल चल में आज- प्रतीक्षारत नयनो में आशा अथाह है -
bahut sundar
जवाब देंहटाएंadbhud kavita
koi bhi apna jiwan de dega aapko...
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंanuragiye abhivyakti...
जवाब देंहटाएंbhut bhut sunder abhivaykti...
जवाब देंहटाएंआन्तरिक भावों के सहज प्रवाहमय सुन्दर गीत....
जवाब देंहटाएंदिल लोगी या धड़कन लोगी ....
जवाब देंहटाएंप्रेम के इस समर्पण से कौन मोहित न हो जाये ....
तुम शुभ्र चांदनी, चंदा की.....
दिल के करीब वालों के लिए ही इतने सुकोमल और प्यारे शब्द निकलते हैं .....
बहुत प्यारी कविता है ....
सुंदर कविता, भावनाओं से भरी,
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
पूरी की पूरी रचना .........प्रेम और समर्पण में सराबोर
जवाब देंहटाएंशब्दों का संयोजन,लयबद्धता, भावों की कोमलता ...........बस बरबस ही मन को बाँध लेता है आपका गीत
बहुत बहुत प्यारा गीत द्विवेदी जी !
"मैं आज जगत का स्वामी हूँ
जवाब देंहटाएंतुम बाहुपाश में, मेरे हो,
सहसा इस प्रकृति प्रियतमा ने
ज्यों सुन्दर चित्र उकेरें हों ,
मैं तुमको क्या क्या भेंट करूं
क्षण लोगी या जीवन लोगी
बोलो कुछ तो बोलो सजनी
दिल लोगी या धड़कन लोगी "
भाव से ओत-प्रोत..
सुन्दर...
अति सुन्दर..!!
Ati sundar.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर,मन भावन रचना !!!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत प्यारी रचना.....
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर...
अनु